गणेश चतुर्थी उत्सव और गणपति प्रतिमा का सही चुनाव
गणेश चतुर्थी नजदीक है और गोवा, मुंबई महाराष्ट्र के सबसे बड़े त्योहारों में से एक के लिए तैयारियां जोरों पर हैं, जहां बड़ी संख्या में लोग बाजारों में उमड़ रहे हैं,
गणेश चतुर्थी, जिसे स्थानीय रूप से 'चवथ' या चौथ कहा जाता है,
जो
19 September 2023 से शुरू होगी और पूरे देश में घरों और सार्वजनिक (समुदाय) मंडलों में मनाई जाएगी।
इस तथ्य को देखते हुए कि गणेश चतुर्थी के दौरान बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं,
स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे सभी कोविड उपयुक्त व्यवहारों का पालन करें,
क्योंकि लोग यह भूल गए हैं कि उन्हें कोविड से बचने के लिए मास्क पहनने की जरूरत है।
गणेश चतुर्थी 2023: तिथि, समय और महत्व
गणेश चतुर्थी देश भर में हिंदुओं द्वारा मनाए जाने वाले सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है।
इसे विनायक चतुर्थी के रूप में भी जाना जाता है,
यह आमतौर पर अगस्त के मध्य और सितंबर के अंत के बीच आता है।
हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, यह भाद्र महीने में आता है।
गणेश चतुर्थी भगवान गणेश की वर्षगांठ का प्रतीक है जो भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र हैं।
गणेश जी को हाथी देवता के रूप में भी जाना जाता है,
भगवान गणेश धन, विज्ञान, ज्ञान, ज्ञान और समृद्धि के देवता हैं।
सभी नई शुरुआत भगवान गणेश की पूजा से शुरू होती है क्योंकि उन्हें बाधाओं के निवारण के रूप में जाना जाता है।
गजानन, धूमरकेतु, एकदंत, वक्रतुंडा और सिद्धि विनायक उनके कुछ अन्य नाम हैं।
दिनांक- गणेश चतुर्थी इस वर्ष 19 September 2023 को पड़ रही है
महत्व
गणेश चतुर्थी का त्योहार भाद्रपद के महीने में हिंदू कैलेंडर के अनुसार शुक्ल पक्ष चतुर्थी को शुरू होता है और चतुर्दशी पर समाप्त होता है।
उत्सव 10 दिनों तक चलता है।
अनुष्ठान समारोह के बाद गणेश की मूर्तियों को 'विसर्जन' के हिस्से के रूप में पानी में डुबोया जाता है।
यह त्योहार 'कैलाश पर्वत' से अपनी मां देवी पार्वती/गौरी के साथ भगवान गणेश के अवतरण का प्रतीक है।
घरों में भगवान गणेश की छोटी-छोटी मूर्तियां स्थापित की जाती हैं और पूजा-अर्चना की जाती है, आरती की जाती है और प्रसाद बांटा जाता है।
गणेश चतुर्थी: मूर्तियों को विसर्जित करने के लिए प्रशासन कृत्रिम तालाब स्थापित करता हे
शहर के विभिन्न हिस्सों में कृत्रिम तालाब भी स्थापित कर रहा है।
लोगों को कृत्रिम तालाबों में विसर्जित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता हे
इस साल भी, नगर निकाय इन तालाबों में मूर्ति विसर्जन के दौरान लोगों की सहायता के लिए कर्मियों को तैनात करेगा
गणेश जी की सही प्रतिमा
( एक मत )
गणेश जी को कभी भी विदा नहीं करना चाहिए
क्योंकि विघ्न हरता ही अगर विदा हो गए तुम्हारे विघ्न कौन हरेगा।
क्या कभी सोचा है गणेश प्रतिमा का विसर्जन क्यों?
अधिकतर लोग एक दूसरे की देखा देखी गणेश जी की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं, और 3 या 5 या 7 या 11 दिन की पूजा के उपरांत उनका विसर्जन भी करेंगे।
आप सब से निवेदन है कि आप।गणपति की स्थापना करें पर विसर्जन नही विसर्जन केवल महाराष्ट्र में ही होता हैं क्योंकि गणपति वहाँ एक मेहमान बनकर गये थे, वहाँ लाल बाग के राजा कार्तिकेय ने अपने भाई गणेश जी को अपने यहाँ बुलाया और कुछ दिन वहाँ रहने का आग्रह किया था जितने दिन गणेश जी वहां रहे उतने दिन माता लक्ष्मी और उनकी पत्नी रिद्धि व सिद्धि वहीँ रही इनके रहने से लाल बाग धन धान्य से परिपूर्ण हो गया, तो कार्तिकेय जी ने उतने दिन का गणेश जी को लालबाग का राजा मानकर सम्मान दिया यही पूजन गणपति उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा।
अब रही बात देश की अन्य स्थानों की तो गणेश जी हमारे घर के मालिक हैं और घर के मालिक को कभी विदा नही करते वहीं अगर हम गणपति जी का विसर्जन करते हैं तो उनके साथ लक्ष्मी जी व रिद्धि सिद्धि भी चली जायेगी तो जीवन मे बचा ही क्या।
हम बड़े शौक से कहते हैं *गणपति बाप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ* इसका मतलब हमने एक वर्ष के लिए गणेश जी लक्ष्मी जी आदि को जबरदस्ती पानी मे बहा दिया, तो आप खुद सोचो कि आप किस प्रकार से नवरात्रि पूजा करोगे, किस प्रकार दीपावली पूजन करोगे और क्या किसी भी शुभ कार्य को करने का अधिकार रखते हो जब आपने उन्हें एक वर्ष के लिए भेज दिया।
इसलिए गणेश जी की स्थापना करें पर विसर्जन कभी न करे।
( नोट _ यह केवल एक मत और विचार मात्र है हम किसी की भावना को आहत नहीं कहना चाहते हैं बाकी निर्णय आप स्वयं अपने मतानुसार ले सकते हैं )
*निवेदन* - आगामी श्री गणेश चतुर्थी पर गणपति जी की पारंपरिक मूर्ति ख़रीदे , जिसमे गणेश जी के मूल स्वरुप की प्रतिकृति हो, ऋद्धि-सिद्धि विद्यमान हो ।
बाहुबली गणेश , सेल्फ़ी लेते हुए स्कूटर चलाते हुए ऑटो चलाते हुए बॉडी बिल्डर बाहुबली सिक्स पैक या अन्य किसी प्रकार के अभद्र स्वरुप में गणेश जी को बिठाने का कोई औचित्य नहीं है सनातन धर्म की हँसी उड़ाई जा रही है..
अपने धर्म का मज़ाक न उड़ायें
सभी से निवेदन है समझदारी का परिचय देवे , और सही गणेश जी की प्रतिमा का स्थापना करे
*ओम एकदंताय नमो नमः*
कुछ अन्य मतों के अनुसार यदि आप अपने घरों में श्री गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना करते हैं तो उस प्रतिमा का विसर्जन अपने अपने घरों में ही करें
इसके लिए आप एक बाल्टी साफ पानी में अपने गणपति जी मूर्ति का विसर्जन कर सकते हैं और फिर बचे हुए पानी को किसी पौधे की जड़ों में या तुलसी के पौधों में डाल सकते हैं...
इस प्रकार आपके गणपति जी आपके पास ही रहेंगे
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